विनीता राई की कविता माँ
विनीता राई शिक्षा - एम. ए. (अंग्रेजी) माँ तेरी छाती से लगाना माँ बगावत की उस आँधी में कितनी बेगानी हो गयी मैं नहीं जानी सुख का उजियारा माँ की वो भोली सूरत । तुझमें हीं तो ईश्वर है मैं खोजती रही जग सारा सफर सारा था मेरा अकेला कोई मिला पर तुझ जैसा नहीं अब लौट आऊ मैं तेरे आंगन माँ। तू मूझे पहले जैसे प्यार करना मूझे डाँटना, मुझे दुलारना माँ तेरी बेटी की अन्तर कुरूपता को अपने सीने से लगा पवित्रता देना माँ मूझे तूँ फिर से गले लगाना माँ। कुछ पाने को चली थी कितनी दूर चली थी तेरे नजरों से मैं जीत आँऊगी यह सोच चली थी बड़ा लम्बा सफर था वो माँ तेरी बेटी थक लौट आयी माँ। .... इस ब्लॉग की रचनाये स्वयं कवियों/लेखकों द्वारा दी गई है तथा इन रचनाओं का स्वताधिकर उनके पास है। धन्यवाद। Vinita Youtube channel, please click on link👇 ABC Vinita Click on link to read more👇 विनीता राई की कविता कविताएँ ग़ज़ल -ध्रुव नारायण सिंह राई/आज फिर आस्माँ में घनी घटा छाने लगी है प्रतिभा कुमारी जी की गजलें डॉ. अलका वर्मा जी की कविता उत्तर दे ...