डॉ. इन्दु कुमारी हिन्दी विभाग भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय की रचना साहित्यकोसी पर
डॉ. इन्दु कुमारी हिन्दी विभाग भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय लालू नगर मधेपुरा बिहार शिक्षक की महिमा मैं शिक्षक हूं शिष्य बन सीखो लाली लाल। । मेरे उर में ज्ञान का है भंडार विशाल। । बच्चों अपने ध्यान का, विद्या अध्ययन काज।। सदा करो उपयोग तुम, विद्या विनय विराज।। जीवन जीने की कला मैं नित रही सिखाएं। सीखो मन उल्लास भर, समय फिसलता जाए। । जो भी बच्चे मानते ,है शिक्षक की बात।। पढ़ने में वह ध्यान दे, तज सारे उत्पात।। बच्चों के हित के लिए शिक्षक करते काम।। सदा चाहते शिष्य को मिले उचित परिणाम।। मात-पिता से कम नहीं शिक्षक का स्थान।। बच्चों को शिक्षक सदा देता उत्तम ज्ञान।। शिक्षक के प्रति हम रखें, मन आदर सम्मान।। शिक्षक ही संसार में, दे जीवन का ज्ञान।। शिक्षक दिवस की ढेर सारी शुभकामनाएं एवं बधाई चौठ चंद्र की पूजा चौठ चंद्र की पूजा सखी आज मनाओ रे , खीर पुरी और फल फूलों से थाल सजाओ रे। मिट्टी के बर्तन पहूंचाने कुम्हार भाई आते हैं, दो दिन पहले से सब मिलकर दही जमाते हैं। धो-धो कर कूट पीसकर आटा ले आओ रे, चौठ चंद्र की पूजा सखी आज मना...