विनीता राई की कविता कविताएँ
विनीता राई शिक्षा - एम. ए. (अंग्रेजी) कविताएँ कविताएँ हम नहीं लिखतें कविताएँ हमें लिखती है यह एक मध्यस्तता है कई विचारों के बीच । कविताएँ हमारी मित्र की भाँति हमारे विचारों को शब्द देती है बिलखते अशांत मन को मानो कुछ विश्वास दिलाती है । यह हमें तस्सलि देती है की हमारी आवाज़ सुनी जाएगी इस काल में न सही आने वाले काल में । यह एक पूल की भाँति मध्यस्थ बन खड़ी रहती है सिकायतों का सफ़र जारी रहता है इस कोने से उस कोने को । कविता लिखना और उसका पसंद किया जाना मानो कवि की तत्काल जीत होती है यह मान लिया जाता है उसकी विचार सराही गयी है। ख़ुशी का एक ऐसा ज़रिया है बिना फल मिले हीं मान लिया जाता है कि शब्दों की वाहवाही कोई भ्रम नहीं। जब कभी कविता लिखी जाती है उसे हमारा लिखना माना जाता है, मगर कविता को हम नहीं अपितु कविता हमें लिखती है .............................................. इस ब्लॉग की रचनाये स्वयं लेखकों के द्वारा दी गई है तथा इन रचनाओं का स्वताधिकर उनके पास हैं। धन्यवाद। Read more👇 विनीता राई की कविता माँ ध्रुव नारायण सिंह राई जी की कविता अभाव डॉ. अलका वर्मा जी