डॉ. महेन्द्र नारायण पंकज महासचिव, जन लेखक संघ युवा वर्ग ही नये राष्ट्र का, बन पाता निर्माता है। जब-जब देश होता है दुर्बल, वह नूतन शक्ति जगाता है।। त्यागी, स्वार्थ रहित मानव जब जनहित में कुछ करता है। इसमें क्या सन्देह वही, जनगण में नवबल भरता है।। डॉ. महेन्द्र नारायण पंकज इस ब्लाग की रचनाये स्वयं लेखकों के द्वारा दी गई है तथा इन रचनाओं का स्वताधिकार उनके पास है। धन्यवाद। संक्षिप्त परिचय जन्म- थाना-कुमारखण्ड, जिला- मधेपुरा (बिहार) शिक्षा- एम. ए, ग्राम- भतनी, बी. टी. साहित्याच...
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