सुरेन्द्र भारती जी(गीतकार) के गीत चुपके से सनम तुम आ जाना

-सुरेन्द्र भारती
विमल भारती भवन
त्रिवेणीगंज, जिला- सुपौल,
बिहार



  चुपके से सनम तुम आ जाना

 

ढ़ल जाए जब शाम सुहानी,

चुपके से सनम तुम आ जाना।

 

आए जब पूनम की रजनी,

विरही बन जाना तुम सजनी,

चमकती चन्द्र-चाँदनी में

चुपके चकई बन आ जाना।

 

कुहू-कुहू कोयल की बोली,

जन्म-मरण तो एक पहेली,

मिलन-विरह के जीवन में

चुपके मीरा बन आ जाना।

 

दमके जब-जब धटा-दामिनी, 

दादुर गाये राग-रागिनी,

तिमिर सुसज्जित इस यामिनी में

चुपके से प्यार जता जाना।

..................................



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