सियाराम यादव मयंक जी की गजल

 

सियाराम यादव मयंक























गजल -01

जिन्दगी  का  मजा लीजिए।
हर किसी से दुआ लीजिए।।

रुक गया  राह  में जो कहीं। 
बोझ उसका उठा लीजिए।।

तीरगी   है   भरी   राह   में।
दीप अपना जला लीजिए।।

मिल गया  गर कहीं आइना।
दाग  दामन  छुपा लीजिए।।

भर  रहा  रंज से  मन जभी। 
कुछ घड़ी गुनगुना लीजिए।।

जो  कहीं  खा   रहे   ठोकरें।  
पास उसको बुला लीजिए।।

होंठ हॅंसता नहीं अब मयंक।
कुछ पहर मुस्कुरा लीजिए।।
                 --०--


गजल -02

एक  तारा  टिमटिमाता   जल  रहा  है  आजतक।
अनवरत  वह  तारीकों  से लड़ रहा है आजतक।।

साथ  मिलकर  जो समन्दर से निकाला था सुधा।
घूॅंट  पीने  के लिए  दर-दर  भटकता  आजतक।।

मांग  अंगूठा  लिया सिर को किया धड़ से अलग।
उस  कहानी की हकीकत कह रहा है आजतक।।

जो  यहाॅं  आया  कभी  था  पेट भरने  के  लिए।
दूसरों की  रोटियों  पर  पल  रहा  है आजतक।।

जो समय के  पंख  से  उड़ना नहीं सीखा कभी।
इस जहां में हाथ अपना मल रहा है आजतक।।

खुल गया है  राज फिर भी  चाॅंद मामा  हैं  बने।
एक तोता की तरह बस रट  रहा है आजतक।।

आ  गया  विज्ञान  युग  भगवान हैं बनते मयंक।
आदमी ही आदमी को  गड़  रहा है आजतक।।
                             ---०---

ग़ज़ल -03

बेचकर   जमीर   को  अमीर  बन  रहा।
जुर्म  में  मिली  सजा  शरीफ बन रहा।।

जो  कभी  फसाद  की  जड़ें  बने  हुए।
रंगकर  लिबास  को फकीर  बन रहा।।

फर्ज  जो  निभा  रहा  रकीब की तरह।
जब गुजर गया समय हबीब बन रहा।।

खींचकर  दिखा  दिया लकीर जो बड़ी।
आदमी  वही   सदा  नज़ीर  बन  रहा।।

जो  सुना  दिया सही गलत समाज को।
लोग  के  लिए  वही  कबीर  बन  रहा।।

टालता  रहा  समय   वही  बिगड़  गया।
साथ जो  चला  समय नशीब बन रहा।।

जो कभी नजर मिला सका नहीं मयंक।
मन  मिलान  कर वही करीब बन रहा।।
                   --०--

इस ब्लॉग की रचनाये स्वयं लेखकों के द्वारा दी गई है तथा इन रचनाओं का स्वताधिकार उनके पास हैं। धन्यवाद।


              संक्षिप्त परिचय : -
नाम   : -         सियाराम यादव मयंक ।
जन्म तिथि:-   26 जनवरी 1954 ई०।
जन्म स्थान:-   ग्राम -दुर्गीपुर, पोस्ट -भद्दी-दुर्गापुर , जिला -सहरसा, बिहार -852217.
शैक्षणिक योग्यता:- एम. ए (मैथिली),बी ए (संगीत प्रभाकर) गायन।
पेशा:- शिक्षक,से०नि०।
          * विशेष:- पूर्व मोड्यूल लेखक सह राज्य स्तरीय शिक्षक प्रशिक्षक, बिहार सरकार। 
पूर्व काॅन्सेलर, इग्नू, दूरस्थ शिक्षा विभाग, सहरसा, बिहार।
प्रकाशन:-  * ग़ज़ल संग्रह -   मुहब्बत के चिराग, गुले चमन तथा आह फूलों की सुना कीजिए।
                * साझा काव्य संकलन - संवेदना की वीथियों में,कोरोना काव्य, समकालीन हिंदी कविता,काव्यांगन, कृतिका,युग हस्ताक्षर, स्त्री,सितारे रहेंगे आदि।
                 * देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में, शोध पत्रों में ग़ज़ल, कविता तथा लेख -आलेख प्रकाशित।
प्राप्त सम्मान :-  * विभिन्न साहित्यिक संस्थाओं से प्राप्त कुछ नाम  -  
डाॅ अम्बेडकर फेलोशिप सम्मान, महात्मा ज्योतिबा फूले शिक्षाविद् सम्मान,साहित्य सेवा सम्मान, आरसी प्रसाद सिंह स्मृति सम्मान, रामधारी सिंह दिनकर साहित्य सम्मान, जानकीवल्लभ शास्त्री स्मृति सम्मान, महर्षि जह्नु अंग शिखर सम्मान, कौशिकी ग़ज़ल रत्न सम्मान, सृजन गौरव सम्मान।आदि।

संपर्क पता :- सुखपंची निवास,वार्ड नं -03,कबीर नगर, मधेपुरा, बिहार - 852113.
मोबाइल -9931706433.

सियाराम यादव मयंक जी की पुस्तके
ग़ज़ल संग्रह - मुहब्बत के चिराग, गुले चमन 
                                       
                                          --०--

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